किताबें रखेगी अमर(कविता)
किताबें रखेगी अमर(कविता)
किताबें है अनंतकाल से है बरकरार
पूर्वजों ने संजोये रखी है ये धरोहर
होता रहता है उसके रूप में फेरफार
जीवंत लगते हैं इसके हरएक किरदार
हर सवाल का होता है उसमें उत्तर
अकेलेपन में बनती है ये हमसफ़र
बिना बोले पूरी दुनिया की देती है ख़बर
तो कोई कराती है ईश्वर से साक्षात्कार
ज्ञान मिलता रहता है इससे लगातार
विज्ञान, चिंतन का बनती है आधार
हम तो चले जायेंगे दुनिया छोड़कर
किताबें आख़िर में रखेगी हमें अमर।