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Hemlata Hemlata

Tragedy Inspirational

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Hemlata Hemlata

Tragedy Inspirational

महामारी और जनता की जिम्मेदारी

महामारी और जनता की जिम्मेदारी

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इस महामारी के काल में, नेता व्यस्त है चुनाव में ,

क्योंकि सरकार बनानी बहुत जरूरी है उन्हें हर हाल में।

पर जनता की जिम्मेदारी ना तेरी है ना मेरी है।

यमराज लिए अपना वाहन खड़े हैं अस्पतालों के बाहर

 हर दिन हजारों चले जाते हैं उनके साथ 

पर इनकी मौत की जिम्मेदारी ना तेरी है ना मेरी है।


बेबस है चुनाव आयोग महामारी के काल में,

अपील सोशल डिस्टेंसिंग की करे नेताओं से हर हाल में।

क्योंकि जनता की जिम्मेदारी ना तेरी है ना मेरी है।

लगता है अब तो सच में ,कानून भी अंधा हो गया 

क्योंकि नेताओं की रैलियों में,

लाखों की भीड़ इस महामारी को नियंत्रित करती है 


और अकेला कार में सवार व्यक्ति अनियंत्रित करता है 

भीड़ मास्क लगाए ना लगाए,

लेकिन अकेले कार सवार को मास्क लगाना जरूरी है।

खैर जनता तो आखिर जनता ही है इसकी जिम्मेदारी ना तेरी है ना मेरी है।


गरीब मजबूर मजदूर से पूछो लॉकडाउन का परिणाम ,

जिसके कारण उस के नसीब में दर-दर की ठोकर और भूख ही आई है।

इससे किसी को क्या लेना देना क्योंकि जनता की जिम्मेदारी न तेरी है ना मेरी है।

ह्रदय मार्मिक हो उठा ,

एक पुत्र को बिलख-बिलखकर रोते देखकर,


जिसने दिन-रात दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में इस रोग से ग्रसित मरीजों,

डॉक्टरों और अस्पताल की दिन-रात सेवा की और उसकी माँ,

उसी अस्पताल के प्रवेश द्वार के बाहर तड़प-तड़प कर चल बसीं

क्योंकि वह कोई V.I.P नहीं जनता है 

इसलिए तो लिखती हूँ कि जनता की जिम्मेदारी ना तेरी है ना मेरी है।


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