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Randheer Rahbar

Romance

4.0  

Randheer Rahbar

Romance

मेरी सांसों में तुम हो

मेरी सांसों में तुम हो

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अक्सर मेरे दिल की

हरकत में तुम हो

मेरी बातों में

जज़्बातों में तुम हो !


हवाओं में समां है

गुलाबों में जैसे खुशबू

मेरी सांसों में तुम हो !


सुबह -सा सुकून

साँझ की लाली

पत्तों पे लिपटी

ओस की बूंदों-सी तुम हो !


जैसे अम्बर यूँ गहरे

समंदर में लहरें

सीप मेरे मन की

मोती - सी तुम हो !

            


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