मेरी सांसों में तुम हो
मेरी सांसों में तुम हो
अक्सर मेरे दिल की
हरकत में तुम हो
मेरी बातों में
जज़्बातों में तुम हो !
हवाओं में समां है
गुलाबों में जैसे खुशबू
मेरी सांसों में तुम हो !
सुबह -सा सुकून
साँझ की लाली
पत्तों पे लिपटी
ओस की बूंदों-सी तुम हो !
जैसे अम्बर यूँ गहरे
समंदर में लहरें
सीप मेरे मन की
मोती - सी तुम हो !