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Monika Garg

Drama

3  

Monika Garg

Drama

मेरी प्यारी माँ

मेरी प्यारी माँ

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ए मेरी प्यारी माँ,

तुमसा नहीं कोई जहाँ।


कड़ी धूप में तुम छाया जैसी,

ठंडी में तेरी गोद गर्माहट देती।


होती ना मेरे बिना,

तेरी सुबह तेरी शाम।


ए मेरी प्यारी माँ,

तुमसा नहीं कोई जहाँ।


दिन ढले तक काम तू करती,

भूखा ना मुझे एक पल भी रखती।


मुझे खिलाते ही मिट जाती,

दिन भर की तेरी थकान।


ए मेरी प्यारी माँ,

तुमसा नहीं कोई जहाँ।


कोन सा जादू तुझको आता,

कभी मैं तुझे समझ न पाता।


देख दुखी मुझे तुम रो देती,

मेरे सारे गम खुद में प्रो लेती।


लुटाती मुझ पर 

खुशियों की खान।


ए मेरी प्यारी माँ,

तुमसा नहीं कोई जहाँ।


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