मेरी प्यारी माँ
मेरी प्यारी माँ
ए मेरी प्यारी माँ,
तुमसा नहीं कोई जहाँ।
कड़ी धूप में तुम छाया जैसी,
ठंडी में तेरी गोद गर्माहट देती।
होती ना मेरे बिना,
तेरी सुबह तेरी शाम।
ए मेरी प्यारी माँ,
तुमसा नहीं कोई जहाँ।
दिन ढले तक काम तू करती,
भूखा ना मुझे एक पल भी रखती।
मुझे खिलाते ही मिट जाती,
दिन भर की तेरी थकान।
ए मेरी प्यारी माँ,
तुमसा नहीं कोई जहाँ।
कोन सा जादू तुझको आता,
कभी मैं तुझे समझ न पाता।
देख दुखी मुझे तुम रो देती,
मेरे सारे गम खुद में प्रो लेती।
लुटाती मुझ पर
खुशियों की खान।
ए मेरी प्यारी माँ,
तुमसा नहीं कोई जहाँ।
