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Shilpa Mahto

Drama

5.0  

Shilpa Mahto

Drama

मेरी परछाई

मेरी परछाई

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मेरे हमसफर

कहने को तो

हाथ थामे हुए

हर वक़्त साथ

रहते हो तुम


कहने को तो

साथ चलते हुए

हर वक़्त पास

रहते हो तुम


पर उन काली

अंधेरी रातों में

उन मंडराते काले

बादलों के बीच

तुम भी छोड़ जाते

हो मेरा साथ


मेरे हमसफर

पर अगले ही सफर में

किरणों के संग

फिर तुम ही तो बन जाते

हो मेरे हमसफर


बस तुम ही

मेरे हमसफर

मेरी परछाई...!


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