नया वर्ष
नया वर्ष
नये वर्ष की नयी है उमंग,
मन में उठते नए तरंग,
इन तरंगों से बदल दें,
उन लहरों की दिशा !
जो रोकती है मिलने से,
कश्ती को किनारों से,
मिल कर बदलें,
रुख उन हवाओं का !
जो उजाड़ देती है,
घोंसला किसी का,
इस नव वर्ष,
चलो मिलकर,
कुछ ऐसा कर जाएँ,
कुछ अच्छा कर जाएँ !