STORYMIRROR

Shilpa Mahto

Drama

2  

Shilpa Mahto

Drama

सूखा गुलाब

सूखा गुलाब

1 min
2.3K


पहले जैसी कोई बात

अब रही नहीं इसमें

ना वो महक है

ना वो स्पर्श


मेरे गालों को चूमते

काँटों सी चुभती है अब

इसकी सूखी पंखुड़ियाँ

तुम्हारे प्यार की तरह


पहले जैसी कोई बात

अब रही नहीं इसमें

पर रंग वही सूर्ख है

अब भी शायद कहीं

जिंदा है मेरे प्यार की तरह !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama