मेरी नटखट परी
मेरी नटखट परी
परियों की कहानी तो बहुत सुनी होगी आप सबने,
मगर क्या आपको पता है कि मेरे पास भी एक नटखट परी है !
जी हाँ! सही पढ़ा आपने मेरे पास भी इक नटखट परी है।
मैं फिर से पूरे होश- हवाश में कह रहा हूं मेरे पास सचमुच इक परी है।
सपनों वाली नहीं हकीकत वाली।
ख्वाबों वाली नहीं एहसासो वाली परी।
इकदम नटखट शरारती- सी है वह !
जिसके मधुर मुस्कान से शराफत भरी एहसास महसूस होती है,
जो दिल को अंदर तक छू जाती है।
उसके पास चले जाने से मानो जन्नत के पास चले गए हों,
उसके स्पर्श मात्र से सारे ग़म-तकलीफ गोया की छू-मन्तर हों जाते हैं !
हाँ ! ऐसी ही नहीं कहता हूं कि सचमुच में इक नटखट परी है मेरे साथ,
क्यूंकि उसे अपने रूह की धड़कन बनाकर खुद में बसाया है उसे,
सचमुच इक नटखट परी है मेरे पास !
सपनों वाली नहीं हकीकत वाली।