लद्दाख मांगे लोकतंत्र
लद्दाख मांगे लोकतंत्र
लद्दाख के अक्षुण्ण अस्तित्व हेतु वह सत्याग्रही अड़ा है!
इक्कीस दिन तक अन्न का त्याग कर वह लोकतंत्र के लिए लड़ा है,
लद्दाख की पर्यावरणीय स्थिति, सांस्कृतिक विविधता के संरक्षण हेतु आज पूरा देश उसके साथ खड़ा है।
मगर निरंकुश सत्ता को आज तक कान में जूं तक नहीं पड़ा है !
हर दिन अपने वीडियो संदेश में उनके वादों की याद दिलाता,
माँ भारती का सुपुत्र वह उनके मुकर जाने की दुहाई बतलाता !
बापू के सत्याग्रह को उसने अपना है हथियार बनाया
सत्य अहिंसा शांति से वह लोकतंत्र को औजार बनाया....
अकेला चला था वह आज कारवां उसके साथ है ...
हर संवेदनशील भारतवासी का उसके हाथों में हाथ है।