विजयीं बेटियाँ
विजयीं बेटियाँ
17 सालों के चीर प्रतीक्षा के बाद आज स्वर्ण घड़ी वह आई है ,
जब *आर सी बी* नाम की कोई टीम भी ट्रॉफी पर कब्जा जमाई है,
लड़के मंज़िल तक पहुंच पहुंच पग दो पग अब तक लड़खड़ाते आए ,
पर बेटियों ने इतिहास रच इस सिलसिले को की धराशायी है,
अपने जज्बे जुनून से बेटियाँ हमारी खिताब जीत घर लाई है।
मंदाना की कप्तानी,विकेट के पीछे डटकर खड़ी है रिचा
गिल्लियां बिखेर दी विपक्षियों के सोफी ,आशा और श्रेयांका
और अंत में *प्यारी पेरी* की पारी ने बजा दी जीत का डंका ......