ताज की आवाज़
ताज की आवाज़
जिसने सृजन की होगी ताज की,
क्या धड़कन सुनी होगी मुमताज की ?
इतने सिद्दत से बनाया था जिसे इसने,
क्या जीते - जी परवा की होगी इसमें दफन आवाज़ की !
जिसने सृजन की होगी ताज की,
क्या धड़कन सुनी होगी मुमताज की ?
इतने सिद्दत से बनाया था जिसे इसने,
क्या जीते - जी परवा की होगी इसमें दफन आवाज़ की !