मेरी नौकरी....बेरोजगारी
मेरी नौकरी....बेरोजगारी
मैं बेरोजगार हूँ?
अपने अधूरे सपनों का,
अकेले मैं ही,
जिम्मेदार हूँ।
मैं बेरोजगार हूँ।
सिफारिशों ,
और पहचानों का,
मैं कहाँ हक़दार हूँ।
मैं बेरोजगार हूँ।
सिस्टम से बनी ही नहीं।
सच्चाई जब सुनी ही नहीं।
चापलूसी की जब,
हर जगह जय जयकार है।
मैं खामोश रह पाया नहीं।
आत्मसम्मान को,
मार पाया नहीं।
सच को झूठ,
झूठ को सच।
कर पाया नहीं।
मैं कहाँ समझदार हूँ।
इसलिए ..
मैं बेरोजगार हूँ।