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Deepali suyal Suyal

Tragedy

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Deepali suyal Suyal

Tragedy

मेरी मातृभाषा हिन्दी

मेरी मातृभाषा हिन्दी

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जब-जब माँ की याद आती है

तब-तब याद आती है ये हिन्दी।

 

मुझे मेरे अपनों के और करीब 

ले आती है ये हिन्दी।


मेरी संस्कृति की शोभा बढ़ाती 

ये मेरी सीधी सरल भाषा हिन्दी।


मेरे राष्ट्र की पहचान है 

ये मेरी मातृभाषा हिन्दी।


मेरे दादा ने भी बोली थी हिन्दी

उन्होंने बख़ूबी संजोए रखी थी

अपनी भाषा हिन्दी।


गुरुजी ने लगा कर

बिंदी सिखाई थी ये हिन्दी

आज ना जाने कहा

गुम ही गई ये हिन्दी।


अपने ही देश में बेगानी

लगती है ये हिन्दी 

क्यूं आज के युवा से

अनजान हो गई है ये हिन्दी।


स्टेटस सिंबल की भीड़ में 

खो रही है ये हिन्द की बोली हिन्दी।


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