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मेरी बीवी

मेरी बीवी

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दोस्त के साथ पीने का क्या सोचा

तभी मरी बीवी के भूत ने आ घेरा


मेरा दोस्त जोरों से चिल्लाया

भय से उसका तन कंपकंपाया


आर-पार सब देता दिखाई भाभी से

अबे कौन सी घटिया शराब मंगवाई साकी से


दोस्त मेरा डर कर अनाप शनाप बोला

उसको बीवी के भूत पता होने पर मैंने सम्भाला


कहा था तुमसे ना दारू पी कर झूमना

मेरी किसी बात पर तुमको न ध्यान देना


बोली भूत बनी बीवी मेरी

बात सुन मेरी बंद हुई बोलती


अपने मन का मैं ना कल कर सका

अपने मन का तेरे मरने के बाद भी करूँ ना


ये तो अच्छी बात नहीं लगती

मरने के बाद भी तुम्हारी हुकूमत चलती


मैं तुम्हारी संगी जन्मों जन्मों की

अपना जीवन स्वस्थ रहकर बिताओ यही कोशिश मेरी


सुन बीवी के भूत की बातें

शर्मिंदा हुआ सोच अपनी खुराफातें


किस मिट्टी से खुदा बीवी को बनाये

जो मर कर भी अपना फ़र्ज़ निभाये




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