Swapnil Ranjan Vaish
Inspirational
शहादत के पुष्पों को....महकाये रखना,
जिस्म के टुकड़े तिरंगा लाया, उसे संजोये रहना
बिन लड़े कायरों ने मुझे मार डाला हो...भले
मेरी संतान को बदला लेने को प्रिय..तैयार करना
क्रिकेट का बु...
मेरा मतदान मे...
मेरी बीवी
शहीद के लहू क...
बेटी जब दुल्ह...
मज़दूर
खेल शतरंज का
ओझल होता वक़्त
धुंधली यादें
माँ का आँचल
गर्व ,अभिमान था खुद पर ,लेकिन अपनी ही बुजदिली ने सब चकनाचूर कर दिया गर्व ,अभिमान था खुद पर ,लेकिन अपनी ही बुजदिली ने सब चकनाचूर कर दिया
सपनो की सरसराती आवाजें जंग लगे आटे के कनस्तर में समा गयीं सपनो की सरसराती आवाजें जंग लगे आटे के कनस्तर में समा गयीं
न जाने क्या ढूंढ़ती-अपने काँपती उंगलियों से , कुछ चुन चुन कर- न जाने क्या ढूंढ़ती-अपने काँपती उंगलियों से , कुछ चुन चुन कर-
अपनी दीवाली की खुशियाँ उन लोगों के साथ बांटनी चाहिए जो तमाम सहूलियतों से महरूम गरीबी में दिन काटते ... अपनी दीवाली की खुशियाँ उन लोगों के साथ बांटनी चाहिए जो तमाम सहूलियतों से महरूम ...
सरकार इस तरह सियासत में मस्त हैं की लोगों की आह उन तक पहुँचती ही नहीं सरकार इस तरह सियासत में मस्त हैं की लोगों की आह उन तक पहुँचती ही नहीं
आज के वक्त में गरीब को महंगाई, इन्सान को इंसानियत मार जाती है आज के वक्त में गरीब को महंगाई, इन्सान को इंसानियत मार जाती है
हर औरत के दिल का हाले बयां हर औरत के दिल का हाले बयां
माँ के सारे फर्ज़ निभाती, प्यार लुटाती बड़ी दीदी मेरी माँ के सारे फर्ज़ निभाती, प्यार लुटाती बड़ी दीदी मेरी
कोशिशों से सच कर लो हर सपना अपना कोशिशों से सच कर लो हर सपना अपना
फरियाद ऊपर तक जाएगी, धनशक्ति वहां भी जीत ही जाएगी।।।। फरियाद ऊपर तक जाएगी, धनशक्ति वहां भी जीत ही जाएगी।।।।
चिर प्रतीक्षित स्वप्न अब ,साकार सा होने लगा है। चिर प्रतीक्षित स्वप्न अब ,साकार सा होने लगा है।
कितने ही अरमानों से खुद हमारी प्यास है ज़िन्दगी कितने ही अरमानों से खुद हमारी प्यास है ज़िन्दगी
एक दिन जरुर मेरी कामनायें पूरी होंगी एक दिन जरुर मेरी कामनायें पूरी होंगी
ज़िंदगी के लिए ज़रूरी था,मिले जो घाव उनको सीना था! पानी में भी विष था फिर भी पीना था ।। ज़िंदगी के लिए ज़रूरी था,मिले जो घाव उनको सीना था! पानी में भी विष था फिर भी पीन...
सुनो, तुम जब भी जाओ वहां साथ ले जाना बर्फ सा ठंडा दिमाग, सुनो, तुम जब भी जाओ वहां साथ ले जाना बर्फ सा ठंडा दिमाग,
हमारे माथे की बिंदी है हमारी हिन्दी हमारे माथे की बिंदी है हमारी हिन्दी
मन में एक प्रेम का दीप जला कर तो देखो मन में एक प्रेम का दीप जला कर तो देखो
रिश्तों की असलियत का फैसला समय पर छोड़ देना चाहिए रिश्तों की असलियत का फैसला समय पर छोड़ देना चाहिए
अब तो मेरा , बादलों तक पहुंचना था तय। अब तो मेरा , बादलों तक पहुंचना था तय।
जीवन के रेगिस्तान में सब साथ छोड़ जाते हैं और रह जातें हैं हम अकेले जीवन के रेगिस्तान में सब साथ छोड़ जाते हैं और रह जातें हैं हम अकेले