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शहीद के लहू का पैगाम

शहीद के लहू का पैगाम

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शहादत के पुष्पों को....महकाये रखना,


जिस्म के टुकड़े तिरंगा लाया, उसे संजोये रहना


बिन लड़े कायरों ने मुझे मार डाला हो...भले 


मेरी संतान को बदला लेने को प्रिय..तैयार करना 







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