Swapnil Ranjan Vaish
Abstract
माँ का ना कोई सानी
दामन में खुशहाली,
दुआओं की भरी थाली
माँ हर सवाल की जवाबी।
क्रिकेट का बु...
मेरा मतदान मे...
मेरी बीवी
शहीद के लहू क...
बेटी जब दुल्ह...
मज़दूर
खेल शतरंज का
ओझल होता वक़्त
धुंधली यादें
माँ का आँचल
कभी हँसने का मज़ा हो कभी रोने का मज़ा। कभी पाने का मज़ा हो कभी खोने का मज़ा। कभी हँसने का मज़ा हो कभी रोने का मज़ा। कभी पाने का मज़ा हो कभी खोने का मज़ा।
दूजा कोई बन जाए श्मशान ऐसी किसी की औकात नहीं। दूजा कोई बन जाए श्मशान ऐसी किसी की औकात नहीं।
हर हिस्से मेरे जीवन के सब किस्से मेरे जीवन के किताब बन गए हर हिस्से मेरे जीवन के सब किस्से मेरे जीवन के किताब बन गए
किसानों को रातदिन हाड़तोड़ मेहनत करनी पड़ती। किसानों को रातदिन हाड़तोड़ मेहनत करनी पड़ती।
एकता में ही बल, संपूर्ण विश्व को, कोरोना तुमने सिखला दिया। एकता में ही बल, संपूर्ण विश्व को, कोरोना तुमने सिखला दिया।
व्यर्थ है अंधेरे में अंधेरे से जंग केवल शून्य ले जाओगे अपने संग व्यर्थ है अंधेरे में अंधेरे से जंग केवल शून्य ले जाओगे अपने संग
दूसरो की खुशी में वो हुआ निलाम है, कौन कहता है तजुर्बा उम्र का गुलाम है। दूसरो की खुशी में वो हुआ निलाम है, कौन कहता है तजुर्बा उम्र का गुलाम है।
कोरोना का क्षय हो, भारत 'अक्षय' हो, नीलकण्ठ बन सभी तांडव करो। कोरोना का क्षय हो, भारत 'अक्षय' हो, नीलकण्ठ बन सभी तांडव करो।
भूल हुई जो अनजाने में माता उसे भूला दो। हंस वाहिनी.... भूल हुई जो अनजाने में माता उसे भूला दो। हंस वाहिनी....
ये सरसराती तेज़ हवा मेरे कानों में बुदबुदा रही है। ये सरसराती तेज़ हवा मेरे कानों में बुदबुदा रही है।
वर्ना दुनिया में खाली हाथ आने वाले अक्सर खाली हाथ ही रह जाते हैं। वर्ना दुनिया में खाली हाथ आने वाले अक्सर खाली हाथ ही रह जाते हैं।
वह था एक जर्जर घर का , उपेक्षित कमरा। वह था एक जर्जर घर का , उपेक्षित कमरा।
आकाश की बाहों में, और सुबह कहीं और निकल जाएगी। आकाश की बाहों में, और सुबह कहीं और निकल जाएगी।
गुज़रे ज़माने के पतझड़ को ख़ुशियों के सावन से रंग दे। गुज़रे ज़माने के पतझड़ को ख़ुशियों के सावन से रंग दे।
हो कर के बेक़रार ग़ज़ल कह रही हूँ मैं है इश्क़ का खुमार ग़ज़ल कह रही हूँ मैं! हो कर के बेक़रार ग़ज़ल कह रही हूँ मैं है इश्क़ का खुमार ग़ज़ल कह रही हूँ मैं!
अगर मैं किताब होती, तो कसम से लाजवाब होती। अगर मैं किताब होती, तो कसम से लाजवाब होती।
फिर हमें ही डुबाया बड़े प्यार से! मेरा मुकमल होता है। जब सजदों मैं सर मेरा झुका होता ह फिर हमें ही डुबाया बड़े प्यार से! मेरा मुकमल होता है। जब सजदों मैं सर मेरा ...
दर पर तेरे आकर, रुसवा हो जाऊँ.. बेमुरव्वत ऐसी, तू बात ना कर...!! दर पर तेरे आकर, रुसवा हो जाऊँ.. बेमुरव्वत ऐसी, तू बात ना कर...!!
एक वो शख़्स जो मुझ में है मुख़ालिफ़ मेरा, बस वही शख़्स है जो मुझ से निभा पाया है। एक वो शख़्स जो मुझ में है मुख़ालिफ़ मेरा, बस वही शख़्स है जो मुझ से निभा पाया...
दुनिया एक मंच जिसमें जीवन के मंच में नए –नए संघर्षों से वह भिड़ता है I दुनिया एक मंच जिसमें जीवन के मंच में नए –नए संघर्षों से वह भिड़ता है I