मेरी बेटी मेरी जान.....
मेरी बेटी मेरी जान.....
कोई सोच बैठे हैं
कि हम उन लोगों में से है
जो अपने बच्चो का
खयाल नही रखते ......
खयाल रखना
मे एक झप्पी,
और प्यार भरी पप्पी मैं
नहीं दिखलाति हूँ
कभी कभी हाथों से
खाना भी खिलादेति हूँ
क्यूँ की बेटी
मे तुमसे प्यार करती हूँ....।।
आसमान से तारे तोड़ के
तेरी हतेलि पे सुनहरे
झिलमिलाते तारों का
तसवीर बनाति हूँ
बेटी में तुमसे प्यार करती हूँ।।
तुझे मनाने के हजारों बहाने है
पर रूला देनेवाली
सारे शब्द मे कोसो दूर
फेंक आई हूँ
बेटी में तुमसे प्यार करती हूँ।।
तेरी नटखटपन से तंग आके
झुटा ही सही
कभी कभी डांट भी देती हूँ
लेकिन दो पल बाद
मनाने की बाहाने ढुडति हूँ
बेटी में तुमसे प्यार करती हूँ।।
युहीं मेरे सहेलीओँ से कभी
मुलाकात हो जाए तो
तेरी तारीफ़ जरूर करती हूँ
क्यूँ की.... ....बेटी..
में तुमसे बहत प्यार करती हूँ।।
