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Anjana Naik

Tragedy Classics

4  

Anjana Naik

Tragedy Classics

आसमान से दो बातें

आसमान से दो बातें

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720


पापा आप तो मुझे 

लाडली बेटी केहेते हो

अब मुझे बड्डडी बना दो ना।। 

नह्नी पंखपे मेरे उड़ान भरदो जरा 

निले आसमान पे उमंग भर सकूं 

अकेले खुद की काम कर सकूं 

बेटों सा दरजा मिलजाए जब

समाज मै अपनी नाम वना सकूं 

आज लड़कों से भी पापा 

हमे बराबर करदो ना।। 


ना हो कोई लड़की अत्याचार 

घृणित कर्म के शिकार 

शराब मुक्त, हवस से बीमुख 

ये दुनिया को करदो ना

नह्नी मून्नी पैरोपे छमछमाती आहट 

लडखडाती कदमो को भी 

ईतनी शख्स करदो ना 

दिल मे छलकति प्यार 

और थिरथिराती होठोंपे

थोडीसी मुस्कान भरदो ना ।।


जब छोटी सी थी 

झुलेपर टैडी से खेलतीथी 

खिलौने छुट गये 

मिली कांटोसे भरी राहे

अब तेज रफ्तार दुनिया की  

भूल भूलैयां मे भी 

खुदको परेशान पाति हूँ 

अन्धेरो से भागते भागते 

अपनी परछाई को कभी कभी

भिड़ में भी डर जाती हूं 

पापा मेरे तनहाई को दुर करने वाला 

कोई चलता फिरता गुड्डा भैजो ना।।


जिससे दिल की धड़कन 

मेरी हर विति पल शैर कर सकूं 

थोडा सूकुन पा सकूं 

आनेवाले सपनो को भी 

मिलकर बुनसकूं 

सारे गम भुलादु

खुशी की किरन देख सकूं 

ऐसा साथी मिलजाए मुझे 

आसमान से दूआ देदो ना 

पापा आप तो मुझे 

लाडली बेटी केहेते हो

अब मुझे बड्डडी बना दो ना।।


इतनी बड़ी बनादो मुझे 

आपकी कमी सेहे सकूं

छाती मे इतनी ताकत दे दो 

सबसे आंसू छुपा सकूं 

तनहाई में छुपके छुपके 

आपको याद कर सकूं 

घुटन सी मेहेसूस हुई तो

आपकी परछाई देख सकूं 

इतनी ताकत भरदो मुझमे 

सारे गम पी सकूं 

अपने आप भी जी सकूं 


पापा आप तो मुझे 

लाडली बेटी केहेते हो

दूर आसमानसे कभी कभी 

निहार लिया करोना।।


मिलजायेगी मुझे मंज़िल 

छुटे ना कोई राह

कदम मेरे चुमे आसमान 

जीवन मेरी संवर जाय 

भरदो मेरे दामन् मे 

खुशीया हजार पापा 

वाटने से भी थोडा थोडा 

रहे जाऐ बाकी सिनेमै 

रुक् रुक् के चले ये वक्त 

घडी को जरा बता देना 


अकेली कभी ना रहूं मै 

ऐसा कुछ करलेना 

सुनी सी ये आंगन पे मेरे

खुशीयौ का तिनका डालदोना 

आपकी लाडली बेटी हूं मै

बड्डी बनने की राह दिखादो ना 

पापा आप तो मुझे 

लाडली बेटी केहेते हो

अब मुझे बड्डडी बना दो ना।। 


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