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Zuhair abbas

Tragedy

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Zuhair abbas

Tragedy

वो मोहब्बत है मेरी

वो मोहब्बत है मेरी

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वो मोहब्बत है मेरी

वो कुछ भी कर सकती है


अपनी गलती को गलत न कहकर

मुझसे लड़ भी सकती है


वो नाराज़ रह सकती है

बिन बात बिना किसी वजह के 

और इल‌ज़ाम सारे मेरे हिस्से कर सकती है


वो मोहब्बत है मेरी 

वो कुछ भी कर सकती है


धोखे का खयाल भी कुफ्र है मोहब्बत में मगर

पर वो चाहे तो दगह दे सकती है

और इस पर भी वो मुझे सज़ा दे सकती है


वो मोहब्बत है मेरी

वो कुछ भी कर सकती है


वो सब कुछ गलत करके 

हर इल्ज़ाम से मुकर सकती है

बस ये क

ह कर की वो मोहब्बत है मेरी

वो कुछ भी कर सकती है


मेरा तो बोलना भी उसे 

बेवफाई दगा धोका लगता है

मेरे सिर्फ गुस्से पर वो मुझसे हर रिश्ता खत्म कर सकती है

 

वो मोहब्बत है मेरी

वो कुछ भी कर सकती है


उसकी हर गलती के बावजूद भी

मुझे यकीन करना होगा की उसकी सब नादानी है

मुझे साथ रहना होगा क्योंकि मुझे मोहब्बत निभानी है


वो इस पर भी कहेगी

मोहब्बत तो मोहब्बत है 

की है तो निभानी है


क्योंकि 

वो मोहब्बत है मेरी

वो कुछ भी कर सकती है



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