Zuhair abbas

Tragedy

4.5  

Zuhair abbas

Tragedy

जुदाई

जुदाई

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कोई वजह ना दी कोई गिला ना किया

वो इस तरह खामोशी से मुझसे जुदा हुआ।


एक बार ज़रा मुड़कर मुझे देख लिया होता

वो इस क़दर बेरुखी से मुझसे जुदा हुआ।


थे अश्क आंखों में उसकी मगर खामोश रहा वो

झुंटी हसी लिए लबों पर वो कुछ ऐसे जुदा हुआ!



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