Zuhair abbas
Tragedy
कोई वजह ना दी कोई गिला ना किया
वो इस तरह खामोशी से मुझसे जुदा हुआ।
एक बार ज़रा मुड़कर मुझे देख लिया होता
वो इस क़दर बेरुखी से मुझसे जुदा हुआ।
थे अश्क आंखों में उसकी मगर खामोश रहा वो
झुंटी हसी लिए लबों पर वो कुछ ऐसे जुदा हुआ!
वो मोहब्बत है...
जुदाई
इंतज़ार
ज़िन्दगी रुकत...
फेक लव
तेरा इंतज़ार
ये ज़िंदगी है
बेवफा मोहब्बत
दर्द ए दिल
इश्क इबादत
याद करो उस दिन रामायण पढ़ कर हम दोनों थे कितने अकुलाए। याद करो उस दिन रामायण पढ़ कर हम दोनों थे कितने अकुलाए।
काश ये लाल रंग समान होता प्रेम करता, सम्मान देता काश ये लाल रंग समान होता प्रेम करता, सम्मान देता
रिश्ते अब सस्ते हो गये, पल में बन गये, पल में बिखरे। रिश्ते अब सस्ते हो गये, पल में बन गये, पल में बिखरे।
बेख़ौफ़ जब वक्त सभी, फ़िज़ूल है जो "हार्दिक" सभी। बेख़ौफ़ जब वक्त सभी, फ़िज़ूल है जो "हार्दिक" सभी।
कभी जला के देखना ख़ुद के हाथों पर भी, शायद सिहर उठोगे लौ या चिंगारी से, कभी जला के देखना ख़ुद के हाथों पर भी, शायद सिहर उठोगे लौ या चिंगारी से,
पेड़ों के ठंडे साये में बैठे फलों को शाखों से झड़ते देखा पेड़ों के ठंडे साये में बैठे फलों को शाखों से झड़ते देखा
नारी है इज्ज़त घर की पर इज्जत उसे, देना भूल जाते हैं। नारी है इज्ज़त घर की पर इज्जत उसे, देना भूल जाते हैं।
बुढ़िया की बाते सुनकर बोला व्यापारी मैंने सुन ली तुम्हारी व्यथा कथा सारी बुढ़िया की बाते सुनकर बोला व्यापारी मैंने सुन ली तुम्हारी व्यथा कथा सारी
कुछ पल का संसार नहीं है। होना तो उद्धार नहीं है। कुछ पल का संसार नहीं है। होना तो उद्धार नहीं है।
तुम्हें भी जड़ से उखाड़ कर धूल में मिलाकर अस्तित्वहीन कर देंगे। तुम्हें भी जड़ से उखाड़ कर धूल में मिलाकर अस्तित्वहीन कर देंगे।
बन के हमसाया तेरी यादें साथ हैं मेरे मेरी यादों में किसी को, समाने ना दिया। बन के हमसाया तेरी यादें साथ हैं मेरे मेरी यादों में किसी को, समाने ना दिया।
घर की चौखट को, लांघकर वही तो, होता है विवश। घर की चौखट को, लांघकर वही तो, होता है विवश।
जख्मी कदम मेरे, गलियों में तेरी कांटों को राहों में बिछा देने वाले। जख्मी कदम मेरे, गलियों में तेरी कांटों को राहों में बिछा देने वाले।
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है। हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।
आधा सड़क सरकार का आधा सड़क ठेकेदार का। आधा सड़क सरकार का आधा सड़क ठेकेदार का।
मेरे महबूब सर जमीं मेरी... दुश्मन की गोली,सीने पर चली... मेरे महबूब सर जमीं मेरी... दुश्मन की गोली,सीने पर चली...
इंटरनेट हम सबके जीवन में ज़्यादा हुआ महत्वपूर्ण है। इंटरनेट हम सबके जीवन में ज़्यादा हुआ महत्वपूर्ण है।
सूद को चुकाते-चुकाते उम्र गुजर गई बचा ना कुछ, सूद को चुकाते-चुकाते उम्र गुजर गई बचा ना कुछ,
चुनाव के पहले नेताओं का था, अच्छे दिनों का आश्वासान। चुनाव के पहले नेताओं का था, अच्छे दिनों का आश्वासान।
तुम्हारे माथे की लाली हूँ पर मैं देश का लाल हूँ। तुम्हारे माथे की लाली हूँ पर मैं देश का लाल हूँ।