कसूरवार नहीं ठहराती
कसूरवार नहीं ठहराती
मुझ में भी कमियाँ हजार है लेकिन कभी भी
किसी बेगुनाह को कसूरवार नहीं ठहराती
जमाना कुछ भी सोचे मेरे बारे में लेकिन
अपने फायदे के लिये किसी को नहीं आजमाती
बाते कम ही करती हूँ आजकल में सबसे
अपनी बातों से किसी का दिल नहीं दुखाती
यूँ तो सबको हँसाना आदत है मेरी शुरु से
अपनी वजह से किसी को नहीं रुलाती
शिकायतें मुझे भी बहुत है कुछ लोगों से
अपनी फरियाद कभी किसी को नहीं सुनाती
खुदा जानता है मेरी शख्सियत के बारे
हर किसी को अपने दिल का हाल नहीं बताती।