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Sudershan kumar sharma

Tragedy

4  

Sudershan kumar sharma

Tragedy

आशीर्वाद

आशीर्वाद

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335


सपनों में ही सही एक बार 

आ जाओ, याद आती है बहुत

आपकी, एक झूठा दिलासा ही दिखला जाओ। 


सपना हमेशा टूटता है

जब मांगता हुं आपसे आशीर्वाद आपसे दामन

छूटता है लेकिन झूठा ही

सही एक ख्वाब दिखला

जाओ तुम, सपनों मैं ही एक बार आ जाओ तुम। 


नहीं कर पाया दिल की बात किसी से,

मेरी बात सुनने कभी तो आओ तुम,

अनेक राहें दिखलाईं थी बचपन में

 एक राह अब भी दिखलाओ तुम,

सपनों मे ही सही इकबार कभी तो मिल जाओ तुम। 


कब तक इंतजार करे सुदर्शन

तुम ही  बता दो

, कभी पास 

आ कर हौंसला तो बढ़ा दो, 

सपनों मे ही सही एक बार आ तो जाओ। 


 बन कर पिता अच्छे संस्कार

दिए थे, नहीं भूल सकते स्नेह

व प्यार के कितने झूले दिए थे, फल फूल रहे हैं

आपके आशीर्वाद से, भटक न जाऊं

रास्ता जिंदगी का फिर से रोशनी की किरण दिखला 

जाओ, 

सपने में ही सही, एक बार आ तो  जाओ


झुकता है सर सदा 

पिता के चरणों में सुदर्शन

एक बार फिर से आशीर्वाद

का फल चखा तो जाओ, 

सपनों में ही सही, एक बार आ तो जाओ। 


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