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Anjana Naik,Deogarh

Romance

4  

Anjana Naik,Deogarh

Romance

मेरे हमसफर ...........

मेरे हमसफर ...........

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मेरे हमसफर 

मेरे लड़खड़ाते कदम को

थोड़ा सहारे की जरूरत है

उमर ढलने लगी है अब

कभी चश्मा  तो कभी

छडी मुझे पकड़ा देना

और ठोकर खा कर गिरते हुए

मेरी पावों को सम्भाल लेना ।। 

अनचाहे पल के कुछ अहसास

अभी भी बाकी हैं

कुछ मीठे पल की यादें समेट कर

मेरे दामन मे भर देना

झूटा ही सही कभी कभी

प्यार से निहार लिया करना ।।

कभी रूठ भी गई तो

मनाने के हजारों बहाने है

बेसुरा ही सही कोई प्यारा सा

गीत...मेरे अगल बगल

गुन गुना लेना ।।

कुछ भी बाकी नहीं है

सपने मेरे दिल की

छलकती आँखें तेरा क्या कहे

मेरे दमकती कदमों को

तेरे साथ चलने की आस है

उम्र भर......

हाथ मे मेरे हाथ दो

कदम यूँ हि उठ जाएंगे

पथरीली राह भी रेत बनकर

कांटे भी फूल बन जाएंगे

बस..... तू मेरे साथ चल

हर मुश्किल राह पर ।। 


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