Anjana Naik,Anju..Deogarh
Children
आसमान से जब गिरती है पानी
रिम् झिमा-रिम् झिम्
पंख फैलाए नाचती है मौर रानी
छम् छमा-छम् छम् (2)
सावन आया बादल छाया
काला काला घन् घना घन् घन्
बादल गरजा बिजली चमके
चम् चमा -चम् चम्
पापा......
मेरी बेटी मेर...
मेरे हमसफर .....
सनम
झूठा दिलासा.....
बांसुरी
प्यार की परिभ...
बारिश
निसंग राही
आसमान से दो ब...
आसमान पर बादल छाया चाचा अपना छाता लाया। आसमान पर बादल छाया चाचा अपना छाता लाया।
एक पिता ही देते हैं साथ, जब जिंदगी भर चलने की होती है बात ! एक पिता ही देते हैं साथ, जब जिंदगी भर चलने की होती है बात !
नहीं चाहिए थी गाड़ी, बस, और न वायुयान। उड़ते-उड़ते ही लख लेती, सारा हिन्दुस्तान। नहीं चाहिए थी गाड़ी, बस, और न वायुयान। उड़ते-उड़ते ही लख लेती, सारा हि...
क्या वास्तव में हम इंसान समय की यात्रा कर सकते हैं? समय सीमा पार कर, भूत और भविष्य में? क्या वास्तव में हम इंसान समय की यात्रा कर सकते हैं? समय सीमा पार कर, भूत और भवि...
जाने क्या क्या लिख जाता है वो प्रेम सुहाना बचपन का मुझे बचपन याद दिलाता है। जाने क्या क्या लिख जाता है वो प्रेम सुहाना बचपन का मुझे बचपन याद दिलाता...
वो यादें हैं, जो तब रुलाती थी अब हंसाती हैं ये यादें हैं, जो याद रह जाती हैं। वो यादें हैं, जो तब रुलाती थी अब हंसाती हैं ये यादें हैं, जो याद रह जाती हैं।
आखिर झूल गया फांसी पर हंसते हंसते वो दीवाना। आखिर झूल गया फांसी पर हंसते हंसते वो दीवाना।
स्कूल का वो पहला दिन स्कूल का वो पहला दिन
आये जो कोई आँच देश पर हम अपनी जान लुटा देंगे आये जो कोई आँच देश पर हम अपनी जान लुटा देंगे
पूछे हमारा हाल दें हमें सम्मान पर थी नादानी यह हमारी, नासमझी अपनी पूछे हमारा हाल दें हमें सम्मान पर थी नादानी यह हमारी, नासमझी अपनी
पीना मुश्किल हुआ है देखो, नल से कब जल आयेगा। पीना मुश्किल हुआ है देखो, नल से कब जल आयेगा।
आज ये एक दुःख़द कल्पना है बच्चों ,तुमसब बच्चे यदि न चेते तो ये कजल की भयवाह सच्चाई है ,अपने जीवन में... आज ये एक दुःख़द कल्पना है बच्चों ,तुमसब बच्चे यदि न चेते तो ये कजल की भयवाह सच्च...
नई पौध के नौनिहालों , सीख लो तुम भी पेड उगाना ! नई पौध के नौनिहालों , सीख लो तुम भी पेड उगाना !
जिंदगी के इस सफर में मैंने उससे सीखा है। जिंदगी के इस सफर में मैंने उससे सीखा है।
फिर से उन पर बारिश की बूंदों को उड़ेलना है चिरपरिचित अंदाज़ सावन का। फिर से उन पर बारिश की बूंदों को उड़ेलना है चिरपरिचित अंदाज़ सावन का।
पेरेंट्स की समझ में भी यह फंडा आया बचपन की हिफाजत कर मैं मन ही मन मुस्कुराया। पेरेंट्स की समझ में भी यह फंडा आया बचपन की हिफाजत कर मैं मन ही मन मुस्कुराया...
थोड़ी सी थी, उदास ज़रूर, परी से विदा होने पर, किन्तु माला देख, खुशी से भरने लगी किलक थोड़ी सी थी, उदास ज़रूर, परी से विदा होने पर, किन्तु माला देख, खुशी से भरने ...
प्रातःकाल में जो प्रतिदिन, प्रेरित कर हमें जगाता है। प्रातःकाल में जो प्रतिदिन, प्रेरित कर हमें जगाता है।
चलो ना ! ले चलते हैं अपने साथ प्यारा-सा ये बादल। चलो ना ! ले चलते हैं अपने साथ प्यारा-सा ये बादल।
बचपन के वो दिन बचपन के वो दिन