हमें कुछ कुछ कहना है
हमें कुछ कुछ कहना है
हमको नहीं थी उनके आने की ख़बर
हवाओं के रुख ने बता दिया
दीवानगी में भूल गए मंज़िल की डगर
उनकी अदाओं ने पता दिया
कोई ख़बर कर दे चले आए हैं दीवाने
कल फिर मुलाकात हो ना हो
सजेगी मधुशाला और छलकेंगे पैमाने
फिर ये चांदनी रात हो ना हो
दिल के जज़्बात जुबां पर आने तो दो
हम भी तो जानें क्या कहते हैं
लहरों को किनारों तलक आने तो दो
शायद उनके भी आंसू बहते हैं
याद हमारी आए तो बस इतना कर देना
इन नयनों से मत आंसू बहाना
पल भर के लिए ठंडी आहों में भर लेना
ख्यालों में हो हमारा आना जाना
तुम कहो ज़िन्दगी तुम्हारे नाम कर दूं
बताओ तुम्हारा क्या ख़्याल है
हमारे रिश्ते को आज सरेआम कर दूं
मत कहना ये भी क्या सवाल है।

