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Khatu Shyam

Children Stories Inspirational

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Khatu Shyam

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काश मैं एक सैनिक बन पाती

काश मैं एक सैनिक बन पाती

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हँसते हँसते देश के लिए मैं मर पाती, मरकर भी फिर मैं लोगों के दिलों में जी पाती

काश मैं एक सैनिक बन पाती।


कभी चड़ हिमालय की चोटी पर देश का तिरंगा लहराऊँ बड़ी शान से,

हिमालय की ठिठुरती ठंड में भी ना हटूं पीछे मैं लडूं दुश्मन से वहां भी आन बान से।

काश मैं एक सैनिक बन पाती।


जो जल सेना का सैनिक मैं बन जाती तो मौका पड़ने पर गहरे पानी में भी हँसते हँसते मर जाती।

काश मैं एक सैनिक बन पाती।


जो वायु सेना में मैं जाती, तो उड़ान भरती ऊंची और वहां दुश्मनों के छक्के छुड़ाती

आसमान में भी देश का ध्वज लहराती ।

काश मैं एक सैनिक बन पाती।


जो थल सेना का सैनिक मैं बन पाती तो गोली खाकर भी दुश्मन की मुस्कुराती,

मरने से पहले कुछ दुश्मन देश के मैं भी मार गिराती।

काश मैं एक सैनिक बन पाती।


सिपाही बनकर देश की सेवा में मर जाती मरकर भी लोगों के दिलों में सदा को फिर जी पाती।

काश मैं एक सैनिक बन पाती।


मौत मेरी ऐसी हो कि देश की शान में कुछ तो कर जाऊँ,

कफन फिर मेरा तिरंगा हो जनाजा उठे फिर शान से, अंतिम विदाई भी होती मेरी राष्ट्रगान से।

काश मैं एक सैनिक बन पाती



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