बरखा आई
बरखा आई
बरखा आई, बरखा आई
संग मुन्ने और मुन्नी की
प्यारी और शरारत भरी
मुस्कान ले आई ।
दोनों ने मिलकर
सुंदर - सी कागज की
इक नाव बनाई फिर
रंगों से उसे खूब सजाया और
बरखा के जल में जाकर उसे चलाया
जैसे ही जल में दोनों ने नाव को डाला
सारा जल रंग - बिरंगा हो आया ।
भूल गए थे दोनों ही
रंग तो जल में निकल जाएगा
पर दोनों ने रंग - बिरंगा जल जो देखा
जोर - जोर से ठहाके लगाए और
बरखा में दोनों ने मिलकर
मस्ती करके बचपन के खूब मजे पाए।