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Ashfia Parvin

Children Stories

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Ashfia Parvin

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सच्चा प्यार

सच्चा प्यार

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कोई यहाँ तुम्हारा अपना नहीं है

कोई यहाँ तुम्हें समझने वाला नहीं है

कोई यहाँ तुमसे बेइम्तेहा मोहब्बत करने वाला नहीं है

सिवाए माता -पिता के

इसलिए सच्ची मोहब्बत करनी ही है,

तो अपने मम्मा -पापा से करो।


सच्चे साथी के तलाश में क्यूँ हो?

सच्चा प्यार ढूंढ़ने में क्यूँ लगे हुए हो?

सच्चा प्यार ढूंढ़ने की कोई ज़रूरत भी है?

मम्मा -पापा से ज्यादा और तुमसे कोई बेइम्तेहा प्यार नहीं कर सकता है

मम्मा -पापा से ज्यादा और कोई तुमसे निस्वार्थ प्यार नहीं कर सकता है

मेरा सच्चा प्यार, मेरे मामा -पापा ही है।


जब खुद से भी हम नफ़रत करने लगे,

तब फिर भी मम्मा पापा हमसे प्यार करते है।

 सारी दुनिया हमारा साथ छोड़ दे,

पर मम्मा -पापा हमारा साथ कभी नहीं छोड़ते है।


 जब कुछ समझ नहीं आता है,

तब इक माँ ही होती है, जिनके गले लगने के बाद सब दुख गायब हो जाता है। 

मम्मा और पापा के दुआ हमारे सर पर होता है,

तो मुसीबत से डर किस बात की?


हमारे सुख में हँसना और हमारे दुख में हमारे साथ रोना

हमसे भी ज्यादा हमारी फ़िक्र करना

हज़ार गलतियों के बाद भी हमें माफ़ करना

सब कुछ भूल कर, फिरसे गले लगाना

अपने सपनों को, हमारे लिए कुर्बान करना

शब्द भी कम है, यह सब बयां करना।


कुछ नहीं कह सकते हम

पर इतना कह सकते है हम 

की मम्मा पापा का सर ऊँचा करने का तो पता नहीं 

पर कभी उनका सर झुकने नहीं देंगे 

सच्चा प्यार का उदाहरण

मम्मा -पापा ही है।



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