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Ashfia Parvin

Inspirational

4  

Ashfia Parvin

Inspirational

मुश्किल वक़्त

मुश्किल वक़्त

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यह मुश्किल वक़्त तुम्हें तोड़ने नहीं आता है

यह कठिन परिस्थितियाँ तुम्हें हराने नहीं आती हैं

यह तो तुम्हें पहले से और ज्यादा मजबूत बनाने आती हैं

और रब के क़रीब ले आती हैं... यह तो तुम्हें रब से जोड़ती हैं।


याद करो,

कैसे यूनुस अलैहिस्सलाम को एक बड़ी मछली ने निगल लिया था

और कैसे अल्लाह से दुआ करने पर उन्हें अल्लाह ने बचाया था।

याद करो,

कैसे मूसा अलैहिस्सलाम ने अपने मुश्किल वक़्त में अल्लाह को याद किये थे

और कैसे अल्लाह ने उनके लिए समंदर के बिच से रास्ता निकाले थे।


इसलिए जब-जब मुश्किल परिस्थितियाँ आए

जब-जब लगे की यह तो नामुमकिन है

तब-तब तुम अपने रब को याद करो

बेशक़, वो नामुमकिन को भी मुमकिन कर सकते हैं।


याद करो,

कैसे युसूफ अलैहिस्सलाम के अपने ही भाई,

उनके जान के दुश्मन बन गए थे

कैसे बचपन से ही उनके जिंदगी में,बड़ी-बड़ी मुशीबत आई

और कैसे वै मुसीबतों को गले से लगाए थे।

कैसे कुँवा से उठाकर बादशाह के घर तक, जिंदगी ले आई

मुश्किल वक़्त में हमेशा खुदा को याद किया करते थे

कैसे उनके अपने ही भाई उनके पीठ पीछे साज़िश बनाये

और कैसे उनको वहाँ के रानी ज़ुलेखा झूठे बदनाम दिया करते थे।

 वो इतने ईमानदार और नेक होने पर भी, उनपे झूठा आरोप लगाया गया था

लेकिन उन्होंने खुदा को याद करते रहे और सच की राह कभी ना छोड़े 

और बहुत सब्र करने पर,आख़िर में जीत सच की हुई।


इसलिए जब-जब मुसीबतों का समंदर तुम्हारे ज़िन्दगी में आए

जब-जब तुम्हें लगे की यह तो नामुमकिन हैं

तब-तब तुम अपने रब को याद करो

बेशक़, वो नामुमकिन को भी मुमकिन कर सकते हैं।


याद करो,

कैसे याक़ूब अलैहिस्सलाम दिन रात रोते-रोते बिताई

अपने बेटे युसूफ अलैहिस्सलाम के बिना

जब वो उनसे जुदा हो गए थे

लेकिन खुदा पे भरोसा रख, सब्र करने के बाद

आख़िर में उनके बेटे से मुलाक़ात हो ही गया था।


इसलिए जब-जब खुदा आपका इम्तेहान ले रही हो

जब-जब तुम्हें लगे की यह तो नामुमकिन हैं

तब-तब तुम अपने रब को याद करो

बेशक़, वो नामुमकिन को भी मुमकिन कर सकते हैं।


याद करो,

उन बाकि पैगम्बर को

शुरू से लेकर आख़िर पैगम्बर तक

आदम अलैहिस्सलाम से मुहम्मद रसूल सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम तक

सबके जिंदगी के दरवाज़े में मुश्किल वक़्त ने दस्तक लगाई थी

सबके जिंदगी में बहुत बड़ी-बड़ी मुसीबतें भी आईं थी

सबको खुदा ने इम्तेहान लिया था

सबके ज़िन्दगी में नेक राह से शैतान ने भटकाने की कोशिश किया था

कभी-कभी उनपे झूठा आरोप लगाया जाता था

कभी-कभी वो लोग भी अकेला हो जाया करते थे

कभी-कभी उन्हें भी गलत समझा जाता था

और मज़ाक भी उड़ाया जाता था

लेकिन इन मुश्किल परिस्थितियों में,

वो लोग खुदा से जुदा नहीं

बल्कि और ज्यादा क़रीब हो गए।

यह सच हैं की, थोड़ी देर के लिए

कमज़ोर जरूर हो गए थे

लेकिन उन मुसीबतों से

पहले से ज्यादा मजबूत भी हो गए थे।


इसलिए जब-जब लगे की मुझसे और नहीं हो रहा हैं

जब-जब तुम्हें लगे की यह तो नामुमकिन हैं

तब-तब तुम अपने रब को याद करो

बेशक़, वो नामुमकिन को भी मुमकिन कर सकते हैं।


यह मुश्किल वक़्त तुम्हें तोड़ने नहीं आता है

यह कठिन परिस्थितियाँ तुम्हें हराने नहीं आती हैं

यह तो तुम्हें पहले से और ज्यादा मजबूत बनाने आती हैं

और रब के क़रीब ले आती हैं... यह तो तुम्हें रब से जोड़ती हैं।



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