राजा बेटा
राजा बेटा
छोटा था जब मैं कभी गोदी में मुझे उठाती थी
उंगली पकड़कर मेरी चलना मुझे सिखाती थी
मेरी मां मुझको राजा बेटा कहकर बुलाती थी।
रोता था जब मैं कभी मुझको खूब हंसाती थी
सैर-सपाटा कराने को कंधे पर मुझे बैठाती थी
मेरी मां मुझको राजा बेटा कहकर बुलाती थी।
खुद खाने से पहले मुझको खूब खिलाती थी
रूठूं जो मैं कभी पल भर में मुझे मनाती थी
मेरी मां मुझको राजा बेटा कहकर बुलाती थी।
गिरता था जब मैं कभी दौड़कर मुझे उठाती थी
चूम कर माथा मेरा सीने से मुझे लगाती थी
मेरी मां मुझको राजा बेटा कहकर बुलाती थी।
गलतियों पर मेरी अक्सर मुझे समझाती थी
भले-बुरे का भेद बताकर सही राह दिखाती थी
मेरी मां मुझको राजा बेटा कहकर बुलाती थी।
गुस्सा होता जब मैं कभी खूब प्यार दिखाती थी
खुशियों पर मेरी अपना सब कुछ लुटाती थी
मेरी मां मुझको राजा बेटा कहकर बुलाती थी।
दुख-दर्द अपना छिपाकर हरदम मुस्कुराती थी
मांगूँ जो भी मैं कभी हंसी-खुशी दिलाती थी
मेरी मां मुझको राजा बेटा कहकर बुलाती थी।
