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Suresh Sachan Patel

Children Stories Others

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Suresh Sachan Patel

Children Stories Others

।।आसमान के नीचे।।

।।आसमान के नीचे।।

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धरती मेरी बनी बिछौना,

      है छत मेरा आकाश।

चंदा मेरा रात का दीपक

     तारों संग खेलने की है आस।

रात अंधेरी आती जुगनू,

      लेकर अपने साथ प्रकाश।

चले पकड़ने पीछे पीछे,

   मन में लिए बहुत उल्लास।

वृक्षों की शीतल छाया में,

    लोगों का जीवन पलता है।

नई नई कलियों और फूलों संग,

      जीवन महकने लगता है।

आसमान की छत के नीचे,

    कलरव चिड़ियाँ करती ख़ूब।

रंग बिरंगे सुंदर पक्षी,

       नृत्य धरा पर करते ख़ूब।

कल कल करके नदियाँ बहती,    

      निर्मल जल ले आती ख़ूब।

पी करके शीतल जल को,

     सब जीव खुशी मनाते ख़ूब।

ऊँचे ऊँचे विशाल पर्वतों पर,

      बर्फ सफेद जम जाती ख़ूब।

पिघल कर गर्मी के मौसम में,

       बहता शीतल पानी ख़ूब।

सुन्दर सुन्दर फूल खिले हैं,

      उस पर भौंरे मँडराते ख़ूब।

मिल कर के हवा के संग में,

     ख़ुशबू अपनी बिखराते ख़ूब।



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