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Minal Aggarwal

Tragedy

4  

Minal Aggarwal

Tragedy

उसकी याद आती है

उसकी याद आती है

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सुबह होती है 

शाम आती है 

रात आती है 

सपने आते हैं 

उसकी याद आती है 


सुबह हो 

दोपहर हो 

शाम हो या 

रात हो 

हर पल 

उसकी याद सताती है 


हर रोज 

सुबह से लेकर शाम 

शाम से लेकर रात 

समय की धारा 

ऐसे ही बहती है 


हर रोज करती हूं 

उसका इंतजार 

हर दिन पर लगती है 

मायूसी ही हाथ 

वक्त का प्रवाह 

निरंतर चलता रहता है 


दृश्य जो कल था 

वह कभी कभी आज भी 

दिखता रहता है पर 

एक बार जो गया 

यह संसार छोड़कर 

वह वापिस नहीं आता 


सब कुछ यूं तो होता है 

आसपास लेकिन 

वह जो होता है 

दिल के सबसे करीब 

एक बार जो छूटे उसका 

साथ 

दोबारा कभी न मिलता 

न कहीं दिखता।


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