खुशी की तलाश में न जाने कहाँ कहाँ भटकते रह जाते हैं। खुशी की तलाश में न जाने कहाँ कहाँ भटकते रह जाते हैं।
आंखों में नींद नहीं मगर दिल में किसी के आने की आस थी। आंखों में नींद नहीं मगर दिल में किसी के आने की आस थी।
मानो आसपास जो घटित हो रहा है मात्र एक मिथ्या और अवास्तविकता है। मानो आसपास जो घटित हो रहा है मात्र एक मिथ्या और अवास्तविकता है।
अब भी ऐसा महसूस होता है तू कहीं दूर नहीं यही है आस पास मेरे माँ...... अब भी ऐसा महसूस होता है तू कहीं दूर नहीं यही है आस पास मेरे माँ......
मैं फिर सिमटती जाती उसी लहसुन प्याज़ और मसालों वाली दुनिया में.... मैं फिर सिमटती जाती उसी लहसुन प्याज़ और मसालों वाली दुनिया में....
जिंदगी में भी कुछ कह रही होगी। जिंदगी में भी कुछ कह रही होगी।