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Shiv kumar Gupta

Romance

4  

Shiv kumar Gupta

Romance

मेरे संग धीरे-धीरे चल

मेरे संग धीरे-धीरे चल

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357


ऐ जिंदगी मेरे संग धीरे-धीरे चल l

हवाओं के साथ तू भी धीरे-धीरे डोल, 

मेरी दिवानगी तू भी धीरे-धीरे बोल, 

मैं तुझे आवाज दूँ तू भी धीरे-धीरे चल l


ऐ जिन्दगी मेरे संग धीरे-धीरे चल l

 मौसम कितना सुहाना है आया, 

 तेरे यादों ने मुझे है तड़पाया ,

 मैं तुझे पुकारू हर बार l


ऐ जिन्दगी मेरे संग धीरे-धीरे चल l

 प्यार के गीतों में तेरा है दर्पण, 

 तेरी सांसों की उलझन है मेरा मन, 

 हर बार तुझे मैं देखूँ आना एक बार l


ऐ जिन्दगी मेरे संग धीरे-धीरे चल l

हम हैं तेरे प्यार के भूखे, 

तेरी ही चाहत में हम हैं डूबे, 

तेरी मूरत में देखूँ आईना अपना हर दम l


ऐ जिन्दगी मेरे संग धीरे-धीरे चल l

तेरी नजर की शिकार हूं मैं, 

तेरी चाहत के सिवा सब कुछ भुला हूं मैं, 

मेरी बंदगी मैं तुझे चाहूं बार-बार l

ऐ जिन्दगी मेरे संग धीरे-धीरे चल l


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