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Amit Kumar

Romance

4  

Amit Kumar

Romance

मेरे दिल की बातों में

मेरे दिल की बातों में

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मेरे दिल की बातों में

तेरा दिल भी आयेगा

मेरे दिल की बातों में

तेरा दिल भी आयेगा

आंखों के रस्ते यह


दिल- दिल में समायेगा

मेरे दिल की बातों में

तेरा दिल भी आयेगा

तेरे होठों को छूने को

हम कबसे तरसते हैं


तेरे होठों को छूने को

हम कब से तरसते हैं

बारिश में अगन लगे

जब यह बदन रगड़ते हैं


तेरे गालों की सुर्खी

मेरा गाल चुराएगा।

मेरे दिल की बातों में

तेरा दिल भी आयेगा


थोड़ा और क़रीब आओ

और मुझसे लिपट जाओ

थोड़ा और क़रीब आओ

और मुझसे लिपट जाओ


इन बारिश की बूंदों में

अपनी ज़ुल्फ़ें लहराओ

नागिन सा तेरा यह रूप

मुझको डस जायेगा


मेरे दिल की बातों में

तेरा दिल भी आयेगा

आओ अब एक हो जाते हैं


हम दोनों बदन मिलकर

आओ अब एक हो जाते हैं

हम दोनों बदन मिलकर

बारिश में नहाते हैं


हम दोनों बदन खिलकर

तेरा मुझसे मिलना यूँ

कुछ तो रंग ज़रूर लायेगा

मेरे दिल की बातों में

तेरा दिल भी आयेगा।


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