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Renu Sahu

Tragedy Inspirational Thriller

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Renu Sahu

Tragedy Inspirational Thriller

मेरे देश के पहरेदार....

मेरे देश के पहरेदार....

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था प्रफुल्लित वतन हमारा

फैला था तब भाई चारा

मातृ भूमि का एक बेटा

दूसरे पे कृतज्ञता था दर्शाता 


माता के आंचल पे

भाई बंधुत्व की बांटी मिठाई थी

दूर गगन से पुष्प रोहन कर

Korona worriers को दी सलामी थी


तब एक रक्षक ने दूजे भाई को

भर भर के प्यार लुटाया था 

संकट की घड़ी मे साथ है सब 

नीले अम्बर से पुकारा था 


इस बीच फिर शत्रु की हिमाकत 

चीख वतन तक आई 

रण बाँकुरो ने शेर सी गर्जन से

फिर किया उन्हें धराशायी 


पर माँ का आंचल भीग गया 

सपूतों के रक्त के धारे थे 

कर गौरवान्वित शहिद हुए 

जो मातृभूमि के राज दुलारे थे 


ये देश भक्त, ये राष्ट्र भक्त 

सच्चे अर्थों मे रखवाले है 

मै सोती हू ले चैन सुकून 

इस हेतु ये अपनी नींद गवाते है 


बस अश्रु पूर्ण नैनो से वतन जब 

इन्हें विदाई देता है 

पुनः उबलते फ़ौलादी सा 

सीपाही जन्म नया लेता है 


कोई सीमा पे दुश्मन से

कोई बीमारी से टकराए

कुछ खाकी वर्दी से लिपटे 

कोई रंग श्वेत चढ़ाए


कुछ समाज सेवा के महानुभाव 

प्राणों की बाजी लगाते 

फिर भी कितने किंकर्तव्यविमूढ़ है हम 

जो ये कुछ भी समझ ना पाते 


ग़र नहीं परवाह खुद की तुमको 

इनके हेतु तो तुम रुक जाओ 

ना व्यर्थ जाने दो शहादत इनकी 

Corona worriers को ना झुठलाओ।


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