मौत से जंग
मौत से जंग
सवाल जिदंगी ने किया है
जवाब मौत दे रही है
हवाओं में ज़हर घुल गया है
अजीब सी घुटन हो रही है।
खौफ़नाक मंज़र है
लाशें लावारिश सी पड़ी हैं
शमशान भी रो पड़ा है
कभी लाशें न यूं जली हैं।
लापरवाह हुई है दुनियां
सजा उसी कि मिल रही है
वक्त अब भी है
दरवाजे बन्द कर लो अपने
वरना चौखट मे तेरे भी
दस्तक सी हो रही है।