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GOPAL RAM DANSENA

Thriller

4  

GOPAL RAM DANSENA

Thriller

सपनों का शिकारी

सपनों का शिकारी

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जीवन भर चलता रहा

उम्मीद की कदमों पर

सपनों पर साधते हुए निशाना।


इन सपनों के खातिर

कई सपनों को 


रौंदा अपने कदमों पर

कइयों के सपने भी रौंदे


वह इस कदर था जो दीवाना।

कहतें हैं लोग


उसने कड़ी मेहनत की

अपने सपनों के लिए।


पर वह जानता है।

उसके कदमों पर


कितने रौंदे पड़े थे सपने

अपने और औरों के


जो तड़प रहे थे,

देख कर उस निर्मम आँखों में


एक कपोत निगाह से

कह रहे थे उससे की


तूने कितने सपने

उजाड़ दिए अपने खातिर


तू तो एक सपनों का

खिलाड़ी था शातिर।


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