रणभूमि
रणभूमि
गुजरा हुआ वक्त,
खाक के समान होता है।
किसी के लिए बदले की आग,
तो किसी के लिए केवल प्रेमी की याद रह जाता है।
जहाँ बही हो रक्त की नदियाँ,
युद्ध का वो मैदान बलिदान चिन्ह बन जाता है।
जो भागा रणभूमि छोड़ कर ,
वो अजीवन भगौड़ा कहलाता है।
जो लड़ सका अंतिम साँस तक,
वही महान कहलाया है।