मौसम बदल गया
मौसम बदल गया
पतझड़ से जीवन में फिर से वसंत खिल गया
कुछ इस तरह तेरे आने से मौसम बदल गया
हवाएँ कान में आकर हौले से गुनगुना गईं
झूमती हुई डालें इक गीत मधुर गा गईं
हँसने लगा फूल कली फिर से शरमा गई
भँवरा भी झूम कर कली से कान में कुछ कह गया
कुछ इस तरह तेरे आने से मौसम बदल गया
काश जो तुम पास रहते कहीं भी न जाते
विरहन को विरह में तुम इतना न तड़पाते
जो दिल में दबी अगन थी उसे इतना न सुलगाते
आना तेरा इस अगन को शीतल फुहार दे गया
कुछ इस तरह तेरे आने से मौसम बदल गया
मैं जानती हूँ कदम तेरे रोकना मुमकिन नहीं
तू तो है बहता दरिया बाँध पाना नामुमकिन सही
बन जाती अगर बादल तेरे साथ चलती हर कहीं
डरती हूँ पर बादल को झोंका पवन का गर ले गया
कुछ इस तरह तेरे आने से मौसम बदल गया।