मैं वैरागी हूं
मैं वैरागी हूं
1 min
722
वैरागी संत मुझे जंगल जाने दो
लक्ष्य मेरा कुछ और मुझे उसको पाने दो।।
साथ निभाओगी न तुम तो
छोड़ मुझे जाओगी तुम तो
याद बसाकर अपनी मुझ में
मुझे रुलाओगी तुम तो
लगे प्रेम डर नहीं इसको आने दो।।
बन्द करो पायल की झम झम
शान्त करो चूड़ी की खन खन
कांटे प्रेम के मत बोओ तुम
सैर मुझे करना है वन वन
करवाऊं हरि दर्श पहले दर्शाने दो।।
जान रहा हूं देवी मैं तो
रोऊंगा हो सेवी मैं तो
वादा करके तोड़ेगी तुम
हाथ पकड़ कर छोड़ोगी तुम
मत फैलाओ जाल मुझे उड़ जाने दो।।
देख लिया हूं सारी दुनिया
बेच मुझे लेगी है बनिया
कीमत होगी दो पैसे की
छोड़ नहीं दोगी मनमनिया
भूल रहा हूं प्रेम अरे भुलाने दो।।