मैं तुम्हें फिर मिलूँगी
मैं तुम्हें फिर मिलूँगी
प्रिय
अगर तुम बादल बन जाओगे
तो मैं तुमसे एकाकार होकर
धरती पर बरस जाऊँगी
प्रिय
अगर तुम फूल बन जाओगे
तो मैं तुममें समाकर
खुशबू फैलाऊंगी
प्रिय
अगर तुम फसल बन जाओगे
तो मैं तुमसे मिलकर
खेतों में लहलहाऊंगी
प्रिय
अगर तुम पेड़ बन जाओगे
तो मैं फल और फूल से
खिलखिला जाऊंगी
प्रिय
अगर तुम सागर बन जाओगे
तो मैं नदिया बनकर
जीवन की रवानी बन जाऊंगी
प्रिय
तुम कहीं भी रहो
कुछ भी बन जाओ
मैं तुम्हें फिर मिलूँगी
रूप बदल-बदलकर
