कान्हा
कान्हा
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देखो-देखो कान्हा आयो रे
चहुँ ओर उल्लास छायो रे
धूम मचाएं ग्वालों संग
मटकी फोड़े, माखन खावे
बंसी की तान पर गोपियाँ नाचे
कान्हा ऐसे बंसरी बजावे रे
देखो-देखो कान्हा आयो रे
रास रचाये राधा संग
सब गोपियां गावे रे
क्या ग्वाल-बाल क्या गैया
सब दौड़े बंसी की तान पर
ऐसे हैं मुरलीधर बंसी बजैया
श्याम अनोखे है कृष्ण कन्हैया
देखो-देखो कान्हा आयो रे ।
