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anita Kushwaha

Abstract

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anita Kushwaha

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विश्वास

विश्वास

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खुश रहने की वजह अगर कोई न हो तो

खुद को खुद से ही पा लो और

वजह तुम खुद ही बन जाओ

औरों से पाला हुआ उम्मीद

बहुत तकलीफ देता है


जब उम्मीदे टूटती हैं

जब आशाएं मरती हैं

आदमी जीते जी

मृतप्राय हो जाता है


इसलिए झटक कर तोड़ दो

सारी उम्मीदें एकबार में ही

एकबार तो तुम लड़खड़ा जाओगे

पर चिंता नही करो

संभालने के लिए वो है न

ऊपर बैठा


सँभाल लेगा तुम्हें

जब उसने तुम्हें इस दुनियां में

भेजा है तो उसने भी तो कुछ

सोचा होगा


बस अपने विश्वास को न टूटने देना

ये विश्वास ही तुम्हें

आगे का रास्ता दिखायेगा

आमीन।


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