जन्म जनम
जन्म जनम
प्रिय
जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा
जाग गयी मेरे हाथों की रेखा
मेरे दिल की धड़कन ने
कानों में कह दिया चुपके से
तुम मेरे हो, तुम मेरे ही हो
प्रिय
यह एक जन्म का रिश्ता नहीं है
सात जन्म का भी नहीं है
ये जन्म जनम का साथ है
जन्म जन्मांतर का रिश्ता
प्रिय
हम दूर है माना चाँद-सूरज जैसे
मिलेंगे नहीं राधा और कृष्ण जैसे
पर मिलेंगे हम जीवन के उस पार
क्योंकि ये जन्म जनम का रिश्ता है।
