यादें याद आती हैं
यादें याद आती हैं
वो हसीं वादियां वो फूलों की घाटी
वो झर झर बहता झरना
वो कल कल करती सरिता
वो वासंती ऋतु, मस्त पवन
वो चंद्रप्रभा विभावरी
वो पुष्पाच्छादित सघन वृक्ष
वो नव किसलय
वो मंडराते भ्रमरों का गुंजन
वो नौका विहार
तुम्हारी बांहों का हार
मेरे सीने पर तुम्हारा सिर
तुम्हारी धड़कनों की आवाज
जैसे मंदिर में गूंजता साज
खामोशी की चादर तान
सोया हुआ था आसमान
मधुर स्पर्श से कंपित तन
सिहरे सिहरे से दो बदन
बनती बिगड़ती प्रेम कहानी
भीगता दरिया तपती रवानी
ना जाने सब कहाँ फना हो गये
जबसे हम तुम जुदा हो गये
सपने सब खफा हो गये
बहारों के मौसम बेवफा हो गये
अब तो केवल यादें शेष बची हैं
जीवन की चंद सांसें शेष बची हैं
ये यादें बहुत याद आती हैं
मुझे तुमसे मिलाती हैं।