शाम
शाम
ये शामें उदास सी
कांच जैसी चुबती हैं ।
सुकून तो तब मिलता हैं,
जब आपसे मुलाकात होती हैं ।
आपको लगेगा की हम
युहीं बातो से दिल बेहलाते हैं।
आपको क्या पता की आपके
यांदो का नगमा हम गुणगुनाते है।
सोचते हैंअगर आप न होतें
तो हमारा क्या होता ?
कुछ नहीं बस
हमारे दिल का जनाजा कब का निकला होता।
करते हैं बेइम्तिहान मोहब्बत
बस आपको पता चले।
आपको जहान की खुशियां
और हमे आपका समय मिले।

