जंग
जंग
आज चूप हूं
क्यूँकी ताकत थोडी सी कम है ।
कच्चा लोहा हूं
वरना मुझमे भी दम है ।
ये भी एक दौर है
जी लो तूम भी गुरुर में ।
एक दिन हम भी बादशाह
कहे जायेंगे तुम्हारी इस नगर में।
आज तुम्हारे पास ताकत है
तो हमारे भी तेवर कुछ कम नहीं।
हम थोडा सा सोये थे बस
अब पता चला की हम हम नहीं।
चलो उतर गयी हूं
तूने अब छेडी हैं जंग।
ऐसा खेल खेलुंगी
तुम भी रेह जावोगे दंग।
खुश थी मैं
लेकीन तूने मेरे अपनो को छेड़ा है।
तुम्हारी नोटो की मस्ती है
मेरे पिछे मेरा भगवान खडा है।
