हाथ की रेखा
हाथ की रेखा
वर्णित कर तेरी दौलत शोहरत
लकीर हाथ की बन जाती है
कर्म पथ का मार्ग बता
भाग्य रेखा कहलाती है।।
व्यवहार संग जीवन सफर ये
व्यापार, नौकरी भी बताती है
किस क्षेत्र में मिले सफलता
मार्ग हमें दिखलाती है।।
ग्रह की स्थिति बताकर
भविष्य की झलक दिखलाती है
चौकन्ना कर हर घटना को पूर्व में
संदेश हमें दे जाती है।।
अच्छे बुरे कर्मों का लेखा-जोखा
गलतियों का अहसास कराती है
ज्ञानी हो तो किस्मत बदल दे, नहीं तो
भ्रम जाल में हमें फसाती है।।
सुनिश्चित कर कर्म फल को
मान-सम्मान भी दिलाती है
सही वक़्त पर किए कर्म का
अच्छा फल भी दिलाती है, जो भाग्य रेखा कहलाती है।।
