STORYMIRROR

shagun Kumari

Classics Fantasy Inspirational

4  

shagun Kumari

Classics Fantasy Inspirational

सुबह

सुबह

1 min
435

गरम गरम लड्डू सा सूरज 

लिपता बैठा लाली में

सुबह सुबह रख आया कौन

इसे आसमान की थाली में


मूंदी आंख खोली किलयों में

चिड़ियों ने गाया गाना

गुन गुन करते भवरों में

खिलते फूलों को पहचाना


तभी आ गई फुदक फुदक कर 

एक तितलियों की टोली

 मधुमखियों ने मधु रस लेकर

भर डाली अपनी झोली 


उठो उठो हम लगे काम पर

तब आगे बढ़़ पाएंगे

वे क्या पाएँगे जीवन में

जो सोते रह जाएंगे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics